Struggle story of Google CEO: पिता ने एक साल के वेतन से खरीदा था मेरी अमेरिका यात्रा का टिकट-सुंदर पिचाई


डिजिटल डेस्क। हमें अपने विचार खुले रखने चाहिए और हमेशा एक उम्मीद रखना चाहिए। यह समझना चाहिए कि हर चीज को बदलने का एक अवसर होता है। एक समय था जब मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। मैं जब भारत से अमेरिका आ रहा था तब मेरे पिता ने अपनी एक साल की कमाई के बराबर पैसा अमेरिका के लिए टिकट खरीदने में खर्च की थी। यह संघर्षभरी कहानी है, गूगल (Google) के CEO सुंदर पिचाई (Sundar Pichai) की, जो उन्होंने खुद सुनाई।

दरअसल कोविड-19 (COVID-19) महामारी के चलते इस बार के 2020 के ग्रेजुएटिंग स्टूडेंट्स को उनकी खास ग्रेजुएशन सेरेमनी नहीं मिल पाई है, जिसके चलते उन्हें वर्चुअली सम्मानित किया जा रहा है। पिचाई ने भी अपने घर से ही इस सेरेमनी में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने युवाओं को अपना विशेष संदेश देते हुए अपनी संघर्ष की कहानी भी सुनाई।

उम्मीद करना जरा मुश्किल
कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के बीच, छात्रों को संदेश देते हुए सुंदर पिचाई ने कहा- इन जैसे मुश्किल क्षणों में, उम्मीद करना जरा मुश्किल हो सकता है। लेकिन मैं आपको बताता हूं कि आगे क्या होगा- आप जीतेंगे। पिचाई ने अपनी स्पीच में छात्रों को बताया कि मुश्किल हालातों में भी कैसे सकारात्मक बने रहना कितनी मदद देता है। उन्होंने इसके लिए अपने खुद के संघर्षों को याद किया। इस बीच उन्होंने अमेरिका यात्रा को याद किया और उसके बारे में बताया।
 
मैं बिना टेक्नोलॉजी बड़ा हुआ
पिचाई ने बताया कि छात्रों से कहा कि आज की पीढ़ी के पास टेक्नोलॉजी तक पहुंच है, जबकि उनके जमाने में ऐसा नहीं था। उन्होंने कहा, 'मैं बिना टेक्नोलॉजी के बड़ा हुआ, मेरे 10 साल की उम्र तक हमारे घर में टेलीफोन नहीं था। अमेरिका आने तक मेरे पास कंप्यूटर का रेगुलर एक्सेस नहीं था और जब हमारे यहां पहली बार टीवी आई थी, तो उसमें बस एक ही चैनल आता था।

इवेंट में ये शामिल
यूट्यूब पर स्ट्रीम हुए इवेंट में सुंदर पिचाई के अलावा पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और मिशेल ओबामा, सिंगर लेडी गंगा, बेयोंसे और दक्षिण कोरियाई बैंड बीटीएस भी शामिल थे। जिन्होंने ग्रेजुएट हो रहे छात्रों को वर्चुअली स्पीच और स्पेशल मैसेज दिया। 

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